We can prove to the world that India is a capable nation. We Indians are not afraid of competition. India is a nation of achievers. Dhirubhai Ambani
Making a nation prosperous is not only limited to the economic point of view, but it also has to beautify that nation with diligence and with the highest respect and dignity. A P J Abdul Kalam
किसी के मरने के बाद मिलने, वाला कोई धन ईमानदारी से अधिक, मूल्यवान नही है। William Shakespeare
कोई सर्वोत्तम दान ईमानदारी , के सद्रश बहुमूल्य नहीं है। William Shakespeare
ईमानदार होना दस हज़ार, में से एक होना है। William Shakespeare
अच्छा या बुरा कुछ नहीं है, केवल विचार ही किसी वस्तु को, अच्छा या बुरा बनाते है। William Shakespeare
क्रोध की आंधी क्रोधी मानव को, एक तिनके के समान अपने, अधीन रखती है। William Shakespeare
गुस्सा समुंद्र की तरह बहरा, और आग की तरह उतावला है। William Shakespeare
जिससे अक्सर हम डरते हैं, कालांतर में उसी से, घृणा करते है। William Shakespeare
जिस मेहनत से हमें आनंद प्राप्त, होता है। वह हम लोगों के लिए, अमृत समान है। ]William Shakespeare
प्रेम की प्यास एक आजीवन, कमजोरी बनकर मनुष्य के, साथ रहती है। William Shakespeare
सर्वोत्तम व्यक्ति गलतियों, की भट्टी से निकलते है। William Shakespeare
सुंदर ह्रदय संसार की समस्त, संपत्ति से ज्यादा मूल्यवान है। William Shakespeare
आपको बातें सभी लोगो की सुननी चाहिए ,लेकिन अपनी बातें, कुछ ही लोगो को कहनी चाहिए | William Shakespeare
एक मिनट देरी से आने से बेहतर है , की आप तीन घंटे पहले आ जाए | William Shakespeare
एक पिता जब अपने पुत्र को कुछ देता है, तो दोनों हँसते हैं , लेकिन जब एक पुत्र , अपने पिता को कुछ देता है तो दोनों रोते हैं | William Shakespeare
कोई बड़ा कार्य करने के लिए, थोड़ी-बहुत गलतियाँ भी करिए | William Shakespeare
अपने शब्दो को ध्यान देकर, बोलिए वरना आप खुद ही , अपना भाग्य बिगाड़ लेंगे | William Shakespeare
यदि आप प्रेम के विषय मे, बोल रहे है तो,धीमे स्वर मे बोले | William Shakespeare
झूठ के लिए लड़ने मे , सच्ची बहादुरता नहीं होती | William Shakespeare
नर्क मे कोई नहीं रहता , सभी राक्षस यही रहते है | William Shakespeare
नाम में कुछ नहीं रखा , यदि आप गुलाब के, फूल को किसी और नाम से पुकारेंगे तो , वो वैसी ही सुगंध देगा जैसी उसकी सुगंध हैं | William Shakespeare